1- परिश्रम ही दवा है# very short story in hindi
एक चिकित्सक अपनी रामबाण चिकित्सा के लिए प्रसिद्ध थे। उनकी दी हुई दवा से रोगी को लाभ अवश्य होता था। वे खुद भी स्वस्थ थे और असाध्य रोगों को भी ठीक कर देते थे। वे दिन भर लकड़ी काटने का काम करते और जंगल में रहते थे।
एक दिन किसी असाध्य रोग से पीड़ित एक व्यक्ति ढूढते हुए उनके पास आया। उसने अपना रोग और पीड़ा उनसे बताई। उसका रोग जानकर चिकित्सक ने उसे वहीं पर एक महीने की दवा बना कर दी।
उसके सेवन की विधि में उन्होंने बताया कि इस दवा को अपने माथे के पसीने में मिलाकर लेप करना।उस व्यक्ति ने पूरे नियम से दवा का सेवन शुरू किया।
माथे का पसीना निकालने में उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ती। दवा ने अपना असर दिखाया और एक महीने वे महाशय रोगमुक्त हो गए।
एक माह बाद वे कुछ भेंट लेकर चिकित्सक को धन्यवाद देने पहुंचे। चिकित्सक ने भेंट लेने से मना कर दिया और उन सज्जन को बताया कि चमत्कार दवा से नहीं आपकी मेहनत से हुआ है। दवा में तो मैंने एक जंगली घास दी थी। जिसका कोई प्रभाव नहीं है।
Moral of Story- सीख
यह कहानी सिखाती है कि मेहनत ही की रोगों की दवा है। इसलिए हमें मेहनत से नहीं घबराना चाहिए।
2- चोर से सहानुभूति# short moral stories in hindi for class 1
एक संत थे। उनके पास एक कीमती कम्बल था। एक दिन कोई वह कम्बल चुरा ले गया। कुछ सिन संत ने बाजार में एक व्यक्ति को वही कम्बल एक दुकानदार को बेचते देखा। दुकानदार उस व्यक्ति से कह रहा था कि यह कम्बल तुम्हारा है या चोरी का। इस बात का क्या प्रमाण है? अगर कोई सज्जन व्यक्ति आकर गवाही दे तो मैं यह कम्बल खरीद सकता हूँ।
संत जी पास में ही खड़े थे। उन्होंने दुकानदार से कहा, “मैं इसकी गवाही देता हूँ। तुम इसे भुगतान कर दो।” संत के शिष्यों ने उनसे पूछा कि आपने ऐसा क्यों किया? तब संत ने कहा, ” यह बेचारा बहुत गरीब है। गरीबी के कारण ही इसने ऐसा काम किया है। हमें हर स्थिति में गरीबों की मदद करनी चाहिए।
संत के ये वचन सुनकर वह व्यक्ति उनके पैरों पर गिर पड़ा और फिर कभी चोरी न करने का वादा किया।
Moral of Story- सीख
निर्णय करने से पूर्व हमें परिस्थितियों को भी जरूर देखना चाहिए।
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