Skip to main content

Posts

Showing posts from May 24, 2021

Vowels And Consonants In Hindi

  13 Hindi Vowels अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ ऋ   अं   अ:     39 Hindi Consonants क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ श्र   ड़ ढ़

Hindi Alphabets, Vowels & Consonants

 हिंदी अक्षर, स्वर और व्यंजन Before you start learning Hindi, let us start off with the basics. Hindi is written in Devanagari script. The first step of any language is to learn its alphabets, similar to other languages, Hindi has its own alphabets known as Hindi Varnamala. In Hindi, there is 13 स्वरों (vowels) and 36 व्यंजन(consonants). Learning Hindi requires patience and practice. Experts suggest beginning with learning five letters on a daily basis and increase it as your progress. Approximately a week or ten days would be needed to master Hindi scripts. Hindi Alphabets Hindi alphabets are also known as Devanagari. In Hindi, there are 48 alphabets. These alphabets can be divided into two parts: Hindi vowels (Hindi Swaron) Hindi consonants (Hindi Vyannjana) Hindi vowels (Hindi Swaron) Hindi Vowels has 13 alphabets such as: अ (a) आ (aa) इ (i) ई (ii) उ (u) ऊ (uu) ऋ(ri) ए (e) ऐ (ae, ai) ओ (o) औ (au, or) अं (am, an) अः (ah) How to pronounce all vowels, let us relate those alphabets ...

हिंदी कहानियां (1-2) Hindi stories

  1- परिश्रम ही दवा है# very short story in hindi एक चिकित्सक अपनी रामबाण चिकित्सा के लिए प्रसिद्ध थे। उनकी दी हुई दवा से रोगी को लाभ अवश्य होता था। वे खुद भी स्वस्थ थे और असाध्य रोगों को भी ठीक कर देते थे। वे दिन भर लकड़ी काटने का काम करते और जंगल में रहते थे। Short Moral Stories in Hindi एक दिन किसी असाध्य रोग से पीड़ित एक व्यक्ति ढूढते हुए उनके पास आया। उसने अपना रोग और पीड़ा उनसे बताई। उसका रोग जानकर चिकित्सक ने उसे वहीं पर एक महीने की दवा बना कर दी। उसके सेवन की विधि में उन्होंने बताया कि इस दवा को अपने माथे के पसीने में मिलाकर लेप करना।उस व्यक्ति ने पूरे नियम से दवा का सेवन शुरू किया। माथे का पसीना निकालने में उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ती। दवा ने अपना असर दिखाया और एक महीने वे महाशय रोगमुक्त हो गए। एक माह बाद वे कुछ भेंट लेकर चिकित्सक को धन्यवाद देने पहुंचे। चिकित्सक ने भेंट लेने से मना कर दिया और उन सज्जन को बताया कि चमत्कार दवा से नहीं आपकी मेहनत से हुआ है। दवा में तो मैंने एक जंगली घास दी थी। जिसका कोई प्रभाव नहीं है। Moral of Story- सीख यह कहानी सिखाती है कि मेहनत ही की रोगों ...

हिंदी कहानियां (3-7) Hindi stories

  3- क्या अच्छा क्या बुरा- Short Story in Hindi very short story in hindi चीन के गांव में एक किसान था। उसका कहना था कि ईश्वर जो भी करते हैं, हमारे भले के लिए करते हैं। एक दिन उसका घोड़ा रस्सी तुड़ाकर जंगल की ओर भाग गया। इस पर उसके पड़ोसियों ने आकर दुख जताया। लेकिन किसान शांत रहा। दो दिन बाद किसान का घोड़ा वापस आ गया और अपने साथ तीन जंगली घोड़े और लाया। लोगों ने आकर ख़ुशी प्रकट की। लेकिन किसान शांत रहा। दो दिन बाद उन्हीं में से एक जंगली घोड़े की सवारी करते समय उसका पुत्र गिर गया। उसकी एक टांग टूट गयी। पड़ोसियों ने फिर आकर अफसोस प्रगट किया। लेकिन किसान फिर भी शांत ही रहा। अगले दिन राजा की सेना के लोग गांव आये और गांव के नौजवानों को जबरदस्ती सेना में भर्ती करने लगे। किसान का लड़का पैर टूट होने की वजह से बच गया। हममें से कोई नहीं जानता कि हमारे लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा? इसलिए ईश्वर जो करते है, हमें उसे अपने लिए अच्छा ही मानना चाहिए। Moral of Story- सीख हमेशा ईश्वर के निर्णय को उदारतापूर्वक स्वीकार करना चाहिए। वे कभी किसी का बुरा नहीं करते। 4- नम्र बनो, कठोर नहीं# very short story in hindi...

हिंदी कहानियां Hindi stories

  8- बुद्धू मोहनदास (गांधीजी)# short motivational story in hindi mahatma gandhi गांधीजी , मोहनदास की उम्र उस समय तेरह वर्ष थी। वे राजकोट के अल्फ्रेड हाई स्कूल में पहले साल के छात्र थे। एक दिन शिक्षा विभाग के इंस्पेक्टर स्कूल में निरीक्षण के लिए आये। उन्होंने छात्रों को अंग्रेजी में पांच शब्द लिखने को दिए। उनमें से एक शब्द था ‘केटल’। जिसकी स्पेलिंग मोहनदास ने गलत लिखी थी। अध्यापक ने देखा तो उन्होंने बूट की ठोकर लगाकर मोहनदास को सावधान किया कि वह आगे वाले लड़के की कॉपी से देखकर सही कर ले। लेकिन यह मोहनदास को मंजूर नहीं था। बाकी लड़कों के सभी शब्द सही हो गए। केवल मोहनदास का ही एक गलत हो गया। अध्यापक ने मोहनदास से कहा, “तू बड़ा मूर्ख है, मोहनदास। मैंने तुझे इशारा किया था कि आगे वाले लड़के की कॉपी से देखकर सही कर ले। लेकिन तूने ध्यान नहीं दिया।” मोहनदास पर अध्यापक की इस डाँट का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। सच्चा आदमी बेवकूफ बनना पसन्द करता है। लेकिन चोरी बेईमानी नहीं। Moral of Story- सीख मनुष्य का चरित्र ही उसे महान बनाता है। 9- संयम का फल# very small moral story अपनी पढ़ाई के दिनों में नेपोलियन को ...