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वर्णमाला (Alphabets) :

किसी भाषा के वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते है. हिंदी भाषा कुल ४९ वर्ण है.

वर्ण के भेद:

  1. स्वर
  2. व्यजन

स्वर:

वे वर्ण जिनके उच्चारण के लिए किसी दुसरे वर्ण कि आवश्यकता माहि होती. उसे स्वर कहते है. हिंदी वर्णमाला में कुल १४ स्वर है.

स्वर में तीन प्रकार होते है;

  1. हृस्व
  2. दीर्घ
  3. प्लुत

हृस्व स्वर : जिन स्वरों के उच्चारण में बहुत कम समय लगता है, उसे हृस्व स्वर कहते है.

जैसे: अ, इ, उ, आदि.

दीर्घ स्वर : जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वर से दुगुना समय लगता है उसे दीर्घ स्वर कहते है.

जैसे: आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ आदि.

प्लुत स्वर : जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वर से तिगुना समय लगता है प्लुत स्वर कहते है.

जैसे : ॐ.

व्यंजन:

जिन वर्णों के उच्चारण में स्वर कि सहायता से उच्चारण करना होता है उसे व्यंजन कहते है. इसके चार भाग है.

  1. स्पर्श
  2. अन्तस्थ
  3. उष्म
  4. उत्क्षिप्त

स्पर्श : क से लेकर म तक के वर्ण को स्पर्श व्यंजन कहते है. यह सभी स्पर्श व्यंजन ५ वर्गों के अंतर्गत आते है. प्रत्येक वर्ग का नाम पहले वर्ग के आधार पर रखा जाता है.

क वर्ग : —— क ख ग घ ड़ — कष्ठ

च वर्ग: ——- च छ ज झ ञ —- तालू

ट वर्ग —— ट ठ ड ढ ण —— मूर्धा

त वर्ग —— त थ द ध न —— दन्त

प वर्ग ——– प फ ब भ म —— ओष्ठ

अंत:स्थ : यह स्वर और व्यंजन के मध्य होते है. यह कुल ४ है.

य , र, ल, व्.

उष्म : जब हम इसका उच्चारण करते है तब मुंह से गर्म स्वास निकलती है. यह कुल चार अक्षर है

श, ष, स, ह

उत्क्षिप्त : इसके उच्चारण के समय जीभ ऊपर उठाकर झटके के साथ नीचे गिरती है. ये दो अक्षर है.

ड़, ढ.

संयुक्त व्यंजन :

त्र : त + र

ज्ञ :

श्र : श + र

क्ष : क + ष

  • जब किसी स्वर का उच्चारण नासिका और मुख से किया जाता है तब उस अक्षर के ऊपर चन्द्र बिंदू का उपयोग करते है (ँँ)
  • विसर्ग (:) का उच्चारण ‘ह’ के सामान होता है जैसे : अतः , दू:ख,

शब्द Word

वर्ण Letter Shabdon ke Bhed Types of Word

वर्णों के मेल से बने सार्थक वर्ण समूह को शब्द कहते है.

जैसे : क + ल +म ; कलम

शब्दों के भेद Shabdon ke Bhed, Types of Word

शब्दों को चार भागों में बाटा गया है:

  1. रचना के आधार पर
  2. उत्पति के आधार पर
  3. अर्थ के आधार पर
  4. विकार या प्रयोग के आधार पर

रचना के आधार पर शब्द भेद

  1. रूढ़ शब्द
  2. यौगिक शब्द
  3. योग रूढ़

रूढ़ शब्द :

जो शब्द किसी एनी शब्द के मेल से न बने हो और जिनके खंड का कोई अर्थ न निकलता हो उसे रूढ़ शब्द कहते है.

जैसे : घर , दूध, नाक, कान आदि.

यौगिक शब्द :

दो सार्थक शब्दों के मेल से बने शब्द यौगिक शब्द कहलाता है.

जैसे : विद्या + आलय : विद्यालय, पाठ + शाला : पाठशाला

DU यूनिवर्सिटी एडमिशन

योग रूढ़ शब्द

ऐसे शब्द जो अपनासामान्य अर्थ छोड़कर परम्परा से चले आ रहे किसी विशिष्ट अर्थ को व्यक्त करते हो उसे योग रूढ़ शब्द कहते है.

जैसे : पंकज : कीचड़ में उत्पन्न होने वाला अर्थात कमल.

उत्पत्ति के आधार पर शब्द भेद

  1. तत्सम
  2. तदभव
  3. देशज
  4. संकर
  5. विदेशी

तत्सम:

संस्कृत के बिना किसी परिवर्तन के हिंदी में आये शब्द तत्सम कहलाते है

जैसे: वर्षा, विद्या, अक्षर आदि.

तदभव:

हिंदी के वे शब्द जो संस्कृत भाषा के विकृत से बने हो उसे तदभव शब्द कहते है;

जैसे: अश्रु : आसू , अग्नि : आग

देशज

जो शब्द किसी भी भाषा से नहीं लिए गए हो आवश्यकतानुसार स्वयं बने हो उसे देशज शब्द कहते है.

जैसे : लड़का, ठेला, पगड़ी

संकर

जो शब्द भिन्न भाषाओं से मिलकर बने हो उसे संकर शब्द कहते है.

जैसे डाक + घर : डाकघर

अश्रु + गैस : अश्रुगैस

विदेशी भाव

हिंदी भाषा में प्रयोग होने वाले विदेशी का समूह विदेशी शब्द कहलाते है

जैसे : मोबाईल, कार, बैग ये अंग्रेजी शब्द

अख़बार , अदालत, तलाक , तारीख, कसम ये अरबी शब्द है.

अर्थ के आधार पर शब्द भेद

अर्थ के आधार पर दो भाग है.

1.सार्थक शब्द

२. निर्थक शब्द

जिन शब्दों का कुछ न कुछ रहता निकलता हो उसे सार्थक शब्द कहते है. जैसे : आम, नाम, काम आदि.

जिन शब्दों का कोई अर्थ नहीं होता है उसे निर्थक शब्द कहते है. जैसे: रोटी वोटी, ठंडा वांडा आदि.

इनके आलावा अर्थ के आधार पर शब्दोंके तीन भेद और भी है. जिसे शब्द शक्ति कहते है.

  1. अभिधा
  2. लक्षणा
  3. व्यंजना

अभिधा: जिस शब्द से शब्द के मूल अर्थ का बोध हो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते है.

लक्षणा: जिस शब्द का अर्थ मूल शब्द के अर्थ से भिन्न हो उसे लक्षणा कहते है.

जैसे : तुम बिलकुल गधे हो.

यहाँ गधे का अर्थ बुद्धिहीन से लिया गया है. न कि किसी जानवर से.

व्यंजना : अभिधा और लक्षणा के विराम लेने पर जो एक विशेष अर्थ निकालता है, उसे व्यंग्यार्थ कहते हैं और जिस शक्ति के द्वारा यह अर्थ ज्ञात होता है, उसे व्यंजना शब्द शक्ति कहते हैं।

जैसे : रात काली है.

इसके एक तो सामान्य अर्थ यह है कि रात अधेरी और काली है परन्तु दूसरा अर्थ यह भी हो सकता है यह रात चोरो के जागने कि रात है.

कारक और कारक के प्रकार Karak aur Karak ke prakar

विकार के आधार पर शब्द भेद Vikar aur shabd bhed hindi vyakar

वर्ण Letter Shabdon ke Bhed Types of Word

  1. विकारी शब्द
  2. अविकारी शब्द

विकारी शब्द: जिन शब्दों का रूप लिंग, वचन, कारक या काल, के कारण परिवर्तित होता है उसे विकारी शब्द कहते है.

जैसे : गधा, गधे, गधहों,

मै, मुझे, मेरा

अविकारी शब्द : जिन शब्दों के रूप में लिंग, वचन, आदि के कारण कभी नहीं बदलता उसे अविकारी शब्द कहते है.

जैसे: वहां, और, परन्तु आदि.

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